राजस्थान कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक मौका दिख रहा है। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा के नेता एक साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि कांग्रेस विधायकों के लंबित इस्तीफे के संबंध में उन्हें अदालत जाने की जरूरत है या नहीं। कटारिया ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “अगर हमें अदालत का दरवाजा खटखटाना है, तो हम एक पार्टी के रूप में बैठकर फैसला करेंगे।” उन्होंने कहा, “राजस्थान विधानसभा के नियमों के अनुसार, अगर कोई विधायक विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त करता है तो वह काफी है।”
बता दें कि कांग्रेस आलाकमान के ‘एकतरफा’ निर्णय से नाराज होकर, लगभग 90 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक को छोड़ दिया था और 25 सितंबर की देर रात राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि, तब से इस्तीफे जोशी के पास लंबित हैं। कांग्रेस विधायकों का कहना है कि आलाकमान ने बिना उनसे सलाह लिए एक नया मुख्यमंत्री चुनने का फैसला किया। उनका इशारा सचिन पायलट की ओर था। विवाद शुरू होने से पहले कहा जा रहा था कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे और सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि कांग्रेस आलाकमान की योजना अमल में आने से पहले ही विवाद शुरू हो गया।
अब इस पूरे विवाद के बीच राजस्थान भाजपा को मौका दिख रहा है। कटरिया ने कहा, “अगर कोई (विधायक) अध्यक्ष के सामने इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त करता है, तो उसका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है। यदि इस्तीफे में कुछ शर्तें होती तो संदेह का कारण हो सकता था। लेकिन उनके त्याग पत्र सीधे हैं कि वे इस्तीफा देना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में निश्चित रूप से त्याग पत्र स्वीकार किए जाने के योग्य हैं।”
राजस्थान विधानसभा की प्रक्रिया के नियमों के अनुसार, नियम 173 (2) में कहा गया है कि “यदि कोई सदस्य व्यक्तिगत रूप से अध्यक्ष को त्याग पत्र सौंपता है और उन्हें सूचित करता है कि इस्तीफा स्वैच्छिक और वास्तविक है तो अध्यक्ष इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर सकता है।” नियम 173 (3) कहता है कि यदि त्यागपत्र डाक द्वारा या किसी अन्य के माध्यम से भेजा जाता है, तो “अध्यक्ष ऐसी जांच कर सकता है जिससे उसे खुद को संतुष्टि मिले कि इस्तीफा स्वैच्छिक और वास्तविक है।” वहीं 173 (4) में कहा गया है कि “कोई सदस्य अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किए जाने से पहले किसी भी समय अपना इस्तीफा वापस ले सकता है।”
भाजपा नेता ने कहा, “मुझे लगता है कि आज की स्थिति में सही विकल्प चुनाव की ओर जा रहा है। यह लोगों के साथ न्याय करना होगा। जिस तरह से उनके आंतरिक विवादों और कोविड के कारण चार साल बर्बाद हुए, यह राजस्थान के लोगों को भुगतना पड़ा है। अब भी, अगर सरकार जारी रहती है तो लोगों का काम नहीं होगा और अधिकारी काम करने की मानसिकता में नहीं होंगे। जनता पीड़ित है।” राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा किसी भी मोड़ के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। जिस तरह से अमित शाह जी (जब वे पार्टी अध्यक्ष थे) ने पार्टी को जमीनी स्तर तक मजबूत किया, संगठन हर स्तर पर मजबूत है। इसलिए भाजपा तैयार है।”